
मै अकेला ही चला था "जानिब - ए - मंजिल" मगर......
लोग मिलते गए और कारवां बनता गया.......
सबसे पहले मै शाहबाज़ अहमद, आपका शुक्रिया अदा करता हूँ! कि आपने IBN7INTERNS के ब्लॉग को अपना कीमती समय दिया! पहले मै अपने बारे मे बता देता हूँ! मै नजीबाबाद, जिला बिजनौर, उत्तर-प्रदेश का रहने वाला हूँ! पिछले ढाई सालो से मै पूना मे मास-कम्युनिकेशन (जर्नलिज्म) कर रहा हूँ! और जर्नलिज्म के 3rd इयर का स्टुडेंट हूँ!
सबसे पहले मै शाहबाज़ अहमद, आपका शुक्रिया अदा करता हूँ! कि आपने IBN7INTERNS के ब्लॉग को अपना कीमती समय दिया! पहले मै अपने बारे मे बता देता हूँ! मै नजीबाबाद, जिला बिजनौर, उत्तर-प्रदेश का रहने वाला हूँ! पिछले ढाई सालो से मै पूना मे मास-कम्युनिकेशन (जर्नलिज्म) कर रहा हूँ! और जर्नलिज्म के 3rd इयर का स्टुडेंट हूँ!
खैर अब आगे बात करता हूँ अपनी INTERNSHIP की...... IBN7 न्यूज़ चैनल के सभी EMPLOYES का मै तहे - दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ! लेकिन उन सब मे सबसे पहले मोनाली मैडम और बिन्दु मैडम को धन्यवाद देना चाहूँगा! जिन्होंने मुझे यहाँ पर INTERNSHIP करने का मौका दिया! और फ़िर ०४ अक्टूबर २००८ से मेरी INTERNSHIP शुरू हो गई!
जहाँ तक मेरा मानना है...... IBN7 मे शायद मै ही पहला ऐसा INTERN रहा हूँ! जो पहले ही दिन शूट पर गया हो! और फ़िर तीसरे दिन किसी EVENT मे किसी सेलेब्रिटी की बाईट ली हो! इस न्यूज़ चैनल मे ३० दिनों की INTERNSHIP मे सिर्फ़ ३ ही दिन ऐसे बीते जब मै UNIT ना होने की वजह से शूट पर नही जा पाया! और इस बात का सारा श्रेय नरेन्द्र सर और मोनाली मैडम को जाता है!
धीरे - धीरे दिन कैसे बीतते गए, वक्त का कुछ पता ही नही चला! रोज़ सुबह को १० बजे ऑफिस पहुँचना और रात को लौटने का तो कोई वक्त ही नही था! रात को कभी १०:३० बजे से पहले मै घर नही गया! कभी - कभी तो मै रात के २ बजे घर लौटा! और जब मेरा आखिरी दिन था, तो पल्लवी मैडम ने मुझे IBN7 का CERTIFICATE दिया! फ़िर मैंने पल्लवी मैडम का और सभी लोगो का शुक्रिया अदा किया....और अपने सभी INTERNS FRIEND को अलविदा कह दिया.....
अब बात करता हूँ! यहाँ के सीनियर एडिटर संजय सर की! वे बहुत अच्छे स्वाभाव के इंसान है! उनसे बात करके कभी ऐसा नही लगा कि वो मुझे सिर्फ़ एक INTERN की तरह देखते हो! वे जब भी मुझसे मिलते तो दोस्तों की बात करते! बल्कि संजय सर ने ही मुझे IBN7INTERNS का ब्लॉग बनाने का मौका दिया!
जब सबसे पहले दिन मै मनोज सर के साथ शूट पर गया था! तब उन्होंने मुझे मीडिया के बारे मे कुछ जानकारियाँ दी! लेकिन जो बात मैंने "कुनाल" सर मे देखी वो बात मुझे किसी मे देखने को नही मिली! वो मुझे अपने भाई की तरह मानते है! उन्होंने मुझे मीडिया के बारे मे कई खास जानकारियां दी! और उनसे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला! उनके साथ रहने पर मैंने एक गर्व महसूस किया! मगर मेरे कहने का मतलब ये नही कि बाकी और रिपोर्टर ने मुझे कुछ नही सिखाया! सभी से कुछ न कुछ सीखने को मिला!
अगर कैमरामैन की बात की जाए तो, सबसे पहले बड़े दिल वाले कैमरामैन का नाम लेना चाहूँगा! जिन्होंने हमेशा मेरा हौसला बढाया! और कभी मुझे दोस्तों की कमी महसूस नही होने दी! उनके नाम है :- आयाज़ सर, राजेन्द्र सर, और जीत सर...... बाकी और कैमरामैन भी बहुत अच्छी आदत के है! लेकिन मुझे ये बात बताते हुए बहुत अफ़सोस हो रहा है! कि IBN7 में दो-तीन कैमरामैन ऐसे है! जो INTERNS को कुछ समझते ही नही.......और मजाक भी उड़ाते है!
यदि कभी वो मेरा ये संस्मरण पढेगे तो शायद उन्हें अपनी गलती का एहसास हो जाये! ताकि आने वाले INTERNS के सामने ऐसी दिक्क़त पेश न आए......और आख़िर में सिर्फ़ इतना ही कहना चाहूँगा कि मेरा मकसद किसी का दिल दुखाना नही है! अगर मेरे इस (लेख) संस्मरण से किसी के दिल को चोट पहुँचती है! तो वो मुझे माफ़ कर दे!
"धन्यवाद"
आपका अपना "शाहबाज़ अहमद" , आज का INTERN कल का REPORTER
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