
मेरा नाम निधि सिन्हा है, और में बिहार (बरौनी) से हूँ! जर्नलिस्ट बनने का शौक तो मुझे फिफ्थ क्लास से ही था और इस कारण मेंने Indira School of Mass Communication , पुणे मे PG कोर्स मे admission ले लिया....! 27March 2008 को मेने Ibn7 मे इंटेर्नशिप के लिए इंटरव्यू दिया और स्लेक्ट हो गई! तुरंत ही मुझे 1st April से join करने की इजाज़त् दे दी गई! खुशी तो इतनी थी, ऐसा लगा कि जॉब ही मिल गई हो! लेकिन मुंबई जैसे शहर मे घर मिलने की थोडी प्रॉब्लम थी! जिस कारण मुझे Bindu ma'am (HR) से बात करनी पड़ी! अब उसमे भी मुझे काफ़ी सकोच लग रहा था!
खैर मैंने Bindu ma'am को फोन लगाया! मैंने अपने बारे मे बताया और बोली ma'am may i join after 2 to 3 days.........she was like ok but you have to join from 2nd april..........thanks ma'am thanks a lot ये बोल कर i cut the call n take a long breath ma'am की बात से मुझे लगा.....i will learn something from here.....bcoz कुछ लोगो का ये कहना था कि you will join as an intern and you have to shit in office and injust tapes......जॉ बात बिल्कुल ग़लत साबित हुई!
Ibn7 मे में थर्ड डे से ही शूट पर गई! Sanjay sir (senior editor) ने पहले दिन मुझे 92.7 FM के लिए न्यूज़ लिखने कों बोला! तब मुझे लगा मैं ये काम करने थोडी ही यहाँ आई हूँ! ........लेकीन i have to do सर ने जो बोला था and......... it was interesting. वहां पर पहले से काम कर रहे intern अनिता और आलोक से मेंने पूछा सर ये काम करने को क्यू बोल रहे है.......? तो उन लोगो का कहना था field reporting करना है तो इस काम को सीखना पड़ेगा! और दूसरे दिन ही शाम को Sonali ma'am ने मुझे अगले दिन सुबह 7 के बजाए 9 बजे आने को बोला! क्योंकि सुबह 7 का मतळब आकर FM के लिए न्यूज़ लिखना! काफ़ी खुशी हुई अगले दिन तो शायद मैं फील्ड रिपोर्टिंग पर जाऊँ!
मुझे क्रिकेट प्लेयर शोएब अख़तर के बाईट लाने को मुंबई airport भेजा गया and i was so happy........n i started preparing questions for शोएब but.........वो नही आए.......मेरे साथ गए कैमरामैन ने बोला "तुम इन्टर्न हो न अभी एक-दो दिन ऐसा ही होगा".......गुस्सा तो आया क्योंकि पूरे रास्ते में questions जो prepair करते गई थी! शोएब से पूछने वाले सवाल......और बस वो pripair ही रह गया खैर क्या करती ऑफिस वापस आगई! फिर अगले दिन मुझे लिट्ल चॅंप्स की विंनर रही ऐश्वर्या की बाईट लाने को भेजा गया! जो onair भी हुई और मुझे वो बाईट देख कर काफ़ी खुशी हूई! क्योंकि मेरे द्वारा लिया गया वो पहला बाईट था जो onair हुआ! और फील्ड रिपोर्टिंग का सिलसिला यूहीं आगे बदता गया......Sanjay Sir के डर से मुझे न्यूज़ पेपर पढ़ना आ गया और Nishat sir की कृपा से मुझे स्टोरी कैसे और कहाँ से ढूंढते है वो आगया!
बस इसी बीच Sanjay sir ने money tranfer from mobile.....से related स्टोरी करने को कहा और उन्होने इस स्टोरी के लिए नरीमन पॉइंट भेजा! मगर रास्ते मे ऑफिस की गाड़ी खराब हो गई.....और मुझे दूसरी गाड़ी से जाना पड़ा! खैर समय से थोडी देर ही सही लेकिन मैं पहुँच तो गई! लेकिन बाईट लेने मे थोडी लेट हो गई! क्योंकि मेरे साथ जो कैमरामैन गए थे, वो नए थे और उन्होने कैमरा सैटिंग मे ज़्यादा टाइम लगा दिया......Sanjay sir ने मुझे ये भी कहा की 2-3 good looking face वालो से भी पूछ लेना कि क्या उन्हे मालूम है? कि.....mobile से money transfer from .............और उनकी क्या राय है? जिस वजह से में अटरिया मौल गई......कोई बोलने को तैयार नही, तो किसी को मोबाइल से मनी ट्रान्स्फर पता नही! किसी तरह मेंने दो लोगो से बात की और उनकी राय ली! जिसमे मुझे काफ़ी देर हो गई!
इसीबीच Sanjay sir का फोन भी आ रहा था और काफ़ी गुस्से मे बोल रहे थे! इतना टाईम तुम एक स्टोरी करने मे लोगी तो तुम क्या क्या काम करोगी? तुम ऑफिस आजाओ तुम से काम नही हो सकता! मैं लोगो की बाईट लेकर सोचती हुई वाप़स आ रही थी की आज से मेरी छुट्टी हो गई......सर तो यही बोलेगे तुम्हे कल से आने की जरूरत नही है! ऑफिस पहुँच कर मैं सर से बिना मिले ही टेप अपलिंक करवाने चली गई! टेप अपलिंक करवाते वक़्त फिर सर का फोन आया! मैं सर को जल्दी से बोली कि में टेप इंजस्ट करवा रही हूँ! ताकि सर थोड़ा कम गुस्सा हो! फिर भी सर ने बोला जल्दी आओ! शायद स्कूल के टीचर से भी इतनी नही डरी थी! परन्तु जब मैं सर के पास गई तो सर कुछ ज़्यादा नही बोले! पर मेरी सूनी भी नही कि में लेट क्यू हूई...? पर मैं खुश थी.....सर ने मेरी छुट्टी जो नही की! वैसे मैं इस शूट से ये सीख गई की आम लोगो से बाईट कैसे लेते है! क्योंकि कुछ लोग कैमरे के सामने जल्दी बोलने को तैयार नही होते है! और अगर सर मेरे से रुढ़ली बात नही करते तो शायद मैं बाईट नही लापाती!
वैसे मुझे ऑफिस मे सब से ज़्यादा डर Ravi sir और Sanjay sir से लगता था! Ravi sir इन्टर्न से कम बात करते थे लेकिन ध्यान बहुत रखते थे! जब भी उन से कुछ पूछती तो सर बताते और समझाते की ऐसा करो ऐसा नही करो.....और.......Narendra sir की तो जितनी भी तारीफ की जाए तो कम है! क्योंकि वो कभी गुस्सा ही नही होते थे! सर ने मुझे स्क्रिप्ट लिखने का खूब मौका दिया! सीधे तौर पे यू कहू की सर ने मुझे स्क्रिपटिंग सिखाई! Manoj sir की वजह से IPL मे जाने का मौका मिला तो Sushobhan sir की वजह से Little master Sachin Tendulkar से मिलने और बात करने का मौका मिला! मेरे द्वारा लाई गई Manoj Tiwari ( Bhojpuree Actor) की बाईट ली! Tariq sir ने काफ़ी प्रसंशा की! entreainment, crime, sports से हटकर बात करे तो Ravi sir और J.P. Sir की वजह से मुझे कुछ पॉलिटिशियन्स से मिलने का और बाईट लेने का mauka mila! जैसे विलासराव देशमुख, नितिन गदकारी, उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे, शरद पवार.......आर.आर पाटील........
IBN7 के जितने भी cameraman है सभी काफ़ी अचछे है इन्फेक्ट वो फील्ड मे सीखाते है की काम कैसे किया जाए! शायद इतने अच्छे कैमरामैन दूसरी जगह न मिले!. वैसे दीपेश सर के बारे मे सुनी थी की वो इन्टर्न पे काफ़ी गुस्सा करते है! लेकिन मेरे साथ ऐसा कभी कुछ नही हुआ!. बस एज ए इन्टर्न उनकी बात थोडी माननी होगी! और trypod खुद से उठानी होगी! वैसे एक महीने मे सबसे ज़्यादा में दीपेश सर के साथ ही शूट पर गई! वैसे कैमरामैन मे अशरफ आहूदी काफ़ी कूल तो है, साथ ही एक अचछे सिंगर भी..... पर पता नही वो कैमरे के पीछे कैसे हैं...? जर्नलिस्ट की लॅंग्वेज मे ये एक सवालिया निशान है!!!
"कुछ न्यूज़ चैनल वालो का तो ये मानना है कि जिसने IBN7 मे internship करली वो कही भी काम कर सकता है!" और इसका फायदा मुझे हुआ भी क्योंकि जब मै दूसरी जगह एज ए इन्टर्न join हुई , तो मुझे पहले दिन ही शूट पर भेज दिया गया! क्योंकि मैं IBN7 से internship कर के आई थीं! वैसे देखा जाए तो IBN7 मे इन्टर्न को "बाल मजदूर" की उपाधि दी गई है! पर वॅल्यू और काम एक रिपोर्टर की तरह........कभी भी Ravi sir या Sanjay sir ये नही सोचते थे! कि इन्टर्न को इस शूट पर भेजु या नही..... जो रिपोर्टर्स भी है उन्होने मुझे अपने शूट पर जाने की खूब इजाज़त् दी....... "SUCH A NICE PLACE TO LEARN". मैने अपने एक महीने के internship मे एक दिन की भी छूट्टी नही ली! इसी वजह से मुझे सनडे का दिन सबसे अचछा लगता था! क्योंकि भीड़ भी कम होती थी, और काम भी..........
इसी दरमियान एक दिन मुझे IBN7 की टीम मे क्रिकेट खेलने का मौका मिला.......एंड वी वॉन द मैच.... एक महीने का सफर कैसे तय हो गया ये पता ही नही चला! Ravi sir और Sanjay sir ने हमे दादर के हिंदुजा रेस्टोरेंट मे हमे पार्टी दी क्योंकि हमारी ( मेरी, खुश्बू और आलोक) internship पूरी हो गई! Ravi sir , sanjay sir और Manoj sir ने हमारे साथ लंच किया! ये हम लोगो के लिए काफ़ी खुशी की बात थी! क्योंकि सर लोगो के पास इतना टाइम नही होता कि वो हमारे साथ कही जाये, मै जितने भी शूट पर गई सब पर अकेले ही गई इसीलिए सर लोगो के साथ लंच करना बहुत अचछा लगा! thanx sir.... thanks alot.....
वैसे तो मीडिया का नाम सुनते ही आम आदमी कुछ भी सोच लेता है लेकिन IBN7 तो जैसे "कीचड़ मे कमल" ....... बीते हुए उन लम्हों को टाइप करते-करते शायद मैं फिर से इंटेर्नशिप की दुनिया मे खो जाऊँ! that's why I say........ I miss my internship day.........